चंडीगढ़, 21 सितंबर: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और विपक्ष के नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाया है कि खनन के जिस मामले में राज्य में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है उसमें मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर की निजी तौर पर जिम्मेवारी है।
इस संदर्भ में उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का हवाला दिया जो 'स्पेशल लीव टू अपील (सी) नम्बर-19166 वर्ष 2017' में दिया गया। उक्त मामले का संबंध भिवानी जिले की ददम खानों से है। इसमें खनन का अधिकार मैसर्ज सुुंदर मार्केटिंग एसोसिएट्स और कर्मजीत सिंह एंड कंपनी लिमिटेड (केजेएसएल) को दिया गया था जिसमें मुख्य भागीदारी केजेएसएल की थी। मैसर्ज सुंदर मार्केटिंग एसोसिएट्स, खनन विभाग के नियमों के अनुसार अपने आपमें स्वतंत्र रूप से खनन की नीलामी में भी हिस्सा लेने की योग्यता नहीं रखते थे। परंतु जब केजेएसएल ने उक्त साझेदारी से हटने का निर्णय लिया तो सुुंदर मार्केटिंग एसोसिएट्स ने सीधे मुख्यमंत्री को 14 मई, 2015 को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि केजेएसएल की 51 प्रतिशत साझेदारी का अधिकार भी उसी को दे दिया जाए। आश्चर्य की बात यह थी कि जो अनुरोध विभाग को किया जाना चाहिए था वह सुुंदर मार्केटिंग एसोसिएट्स ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री से किया।
श्री अभय सिंह चौटाला ने कहा कि यह मामला कितना हैरानी वाला था, इसकी कल्पना इसी बात से की जा सकती है कि अपने निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह टिप्पणी की, 'यह स्पष्ट नहीं है कि याचिकाकर्ता ने सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा लेकिन सच्चाई यह है कि उसने ऐसा किया।' इस प्रकार के अनुरोध पर विभाग केवल अपने नियमों के अनुसार ही कोई सिफारिश कर सकता था। परंतु इस बार मुख्यमंत्री से अनुरोध करने के कारण जब इस अनुरोध की फाइल विभाग तक पहुंची तो उसने राज्य के एडवोकेट जनरल से राय ली जिसके उपरांत 'मुख्यमंत्री सहित उच्च पदासीन अधिकारियों ने अनुमति प्रदान कर दी।' सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि सभी कायदे कानूनों को ताक पर रखकरउक्त कंपनी, जो कि नीलामी में भागीदारी की योग्यता भी नहीं रखती थी, उसे खनन के अधिकार किस प्रकार दे दिए गए?
विपक्ष के नेता ने भाजपा सरकार के उस दावे को भी खोखला बताया जिसके तहत यह दावा किया जाता है कि राज्य का प्रशासन भ्रष्टाचारमुक्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूलों, चौपालों, श्मशानघाट, पार्कों एवं बस स्टॉप के निकट यात्रियों के विश्राम के लिए जो बैंच खरीदे जा रहे हैं और गलियों को पक्का करने के लिए जो इंटरलॉकिंग टाइल्स खरीदी जा रही हैं उनकी खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और बैंचों एवं इंटरलॉकिंग टाइल्स के निर्माताओं के बीच साठगांठ के कारण राज्य के खजाने से उनकी भारी कीमत दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जिन टाइल्स की कीमत लगभग सात रुपए होती है उन्हें 13 से लेकर 14 रुपए प्रति टाइल के हिसाब से खरीदा गया है। जिन बैंचों की कीमत 1900 से लेकर 2200 रुपए तक की है उनकी खरीद 4800 रुपए से लेकर 5300 रुपए तक की गई है। इस प्रकार कुछ लोगों की मिलीभगत से ऐसे लोगों को तो मुनाफा दिलवाया जा रहा है परंतु राज्य सरकार को घाटा हो रहा है।
श्री अभय सिंह चौटाला ने राज्य विजिलेंस ब्यूरो की इस रिपोर्ट की ओर भी ध्यान दिलाया जो पंचकूला के दूसरे चरण के विकास में हुए घोटाले से संबंधित है। ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार इस परियोजना के लिए 672 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। परंतु इसमें से 372 एकड़ भूमि को अधिग्रहण प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था क्योंकि उसकी खरीद दो प्रमुख बिल्डर कंपनियों द्वारा अपनी व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए की जा चुकी थी। इस क्षेत्र के पास कौशल्या बांध के बनने की परियोजना भी थी जिसकी अनुमानित लागत राशि 51 करोड़ रुपए थी। परंतु इन दोनों कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए कांग्रेस की हुड्डा सरकार द्वारा बांध की दीवार की चौड़ाई को बढ़ाने का फैसला किया ताकि उस पर से नेशनल हाईवे से सीधा रास्ता इनकी परियोजनाओं को पहुंच सके। इस बदलाव के कारण कौशल्या बांध की कीमत 51 करोड़ रुपए से बढक़र 118 करोड़ रुपए हो गई हालांकि इसका विरोध सिंचाई विभाग द्वारा भी किया गया था।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि खट्टर सरकार कांग्रेस के भ्रष्टाचार के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए है क्योंकि विजिलेंस ब्यूरो की व्यापक जांच के बाद जब यह पता चल गया कि कौशल्या डैम के निर्माण में बदलाव के कारण दो निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का मामला स्पष्ट तौर पर भ्रष्टाचार का है परंतु फिर भी अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरुध कोई एफआईआर नहीं कटवाई गई।
नेता विपक्ष ने सरकार पर कानून और व्यवस्था के मामले में दिशाहीनता और वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 25 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों को पंचकूला में आमंत्रित कर उनकी आवाभगत की गई और फिर हालात बिगडऩे पर गोलीबारी में लोगों की जानें गई, उन्हें आपराधिक चालें ही कहा जाना चाहिए। इस प्रकार की वोट बैंक राजनीति के कारण समय-समय पर राज्य में कोई न कोई बड़ी घटना घटती है जिसमें जान और माल दोनों की हानि होती है। इसके अतिरिक्त राज्य में कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि हर जिले में बलात्कार, हत्याएं, अपहरण और दलितों के विरुद्ध अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। बेखौफ घूमते अपराधी दिनदहाड़े महिलाओं एवं पुरुषों की हत्या करते हैं जिससे जनता की आस्था भी सरकार से उठ गई है।
श्री अभय सिंह चौटाला ने नवरात्रों एवं त्यौहारों के मौसम के प्रारंभ होने की शुभकामनाएं देते हुए यह आह्वान किया कि सभी लोग 25 सितम्बर को भिवानी में जननायक चौधरी देवीलाल के जन्म दिन के आयोजन में सम्मिलित होने पधारें।